UP Basic School Latest News: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय में काम नामांकन की वजह से पड़ोस के जो विद्यालय हैं उनको विलय किया जा रहा है। यह कदम विद्यालयों में कम नामांकन की वजह से उठाया जा रहा है। कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय के बाद जो अन्य विद्यालय वहां पर नामांकन बनने पर काफी जोर दिया जा रहा है जिस वजह से प्रदेश में बिना मान्यता के संचालित निजी विद्यालयों पर शिकंजा करने की तैयारी अब शुरू कर दी गई है। जिसको लेकर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल के माध्यम से कुछ दिन पहले ही समस्त बीएसए को दिशा निर्देश जारी किया था और यह कहा गया था कि विशेष अभियान चलाते हुए बिना मान्यता चल रहे विद्यालयों की पहचान की जाए और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए और ऐसे विद्यालयों की सूची 15 जुलाई तक निदेशालय को भेजे जाने का आदेश घोषित किया गया था।
बिना मान्यता प्राइवेट व निजी विद्यालयों पर ₹100000 का लगेगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश के जितने भी निजी विद्यालय है इसको लेकर सरकार और विभाग के माध्यम से काफी कड़ा कदम उठा लिया गया है और उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में अगर बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालय चलते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और कड़ी कार्यवाही शुरू कई जिलों में कर दिया गया है। बिना मान्यता प्राप्त वाले विद्यालय का अगर कहीं संचालित होते हैं तो ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी को इसका सीधा जिम्मेदार ठहराया जाएगा। ऐसे में बिना मान्यता प्राप्त वाले विद्यालयों पर अब ₹100000 का जुर्माना लगाया जाने वाला है। इसके अतिरिक्त अगर यह विद्यालय निर्देशों का लगातार उल्लंघन करते पाए जा रहे हैं तो फिर हर दिन के हिसाब से ऐसे सभी स्कूलों पर जब ₹10000 तक का जुर्माना वसूला जाने वाला है।
निदेशक के आदेश के बाद निजी विद्यालयों पर सख्त रूख
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों की बात किए जाये तो यहां पर कम नामांकन की प्रमुख वजह बिना मान्यता चल रहे निजी विद्यालय यहां पर है जिसकी वजह से स्थिति प्राथमिक विद्यालय में नामांकन घटा है बिना मान्यता चल रहे हैं या निजी विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो कर रहे हैं साथ ही जो परिषदीय प्राथमिक विद्यालय हैं इसमें इन्हीं विद्यालयों की वजह से नामांकन लगातार कम हो रहा है इस वजह से सरकार और विभाग इन निजी विद्यालय पर शिकंजा करने की तैयारी कर रहे हैं ताकि निजी विद्यालय बंद हो और सरकारी विद्यालयों में बच्चे एडमिशन ले।
यूपी में चल रहे हजारों बिना मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय
शिक्षक संगठनों के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि बिना मान्यता के विद्यालयों को अधिकारियों की मांग को स्वीकृत के आधार पर लगातार चलाए जा रहा है और कई वर्षों से विद्यालय संचालित हो रहा है। उनके खिलाफ कोई भी अभी तक कार्रवाई नहीं किया गया है। इसमें पढ़ने वाले बच्चों का नंबर ना होने की वजह से उनका नामांकन बाद में सरकारी विद्यालय में नहीं हो पाता जिस वजह से परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में नामांकन लगातार घट रहा है और निजी विद्यालयों जिनकी मान्यता ही नहीं उसमें लगातार संख्या बढ़ रही है इस वजह से अब शिकंजा करने की तैयारी विभाग के माध्यम से शुरू कर दिया गया है।
बिना मान्यता के निजी विद्यालयों पर कार्रवाई के निर्देश


बेसिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से जारी किए गए आदेश में और निर्देश में स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर किसी भी प्रकार के जिले में अब बिना मान्यता के कोई भी विद्यालय चलता हुआ पाया जा रहा है तो जिनकी पूरी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी की हो जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाएगा ऐसा कोई भी विद्यालय जो कि बिना किसी मान्यता प्राप्त के संचालित हो रहा है उसकी जानकारी विभाग को मिलती है तो चल रहे बिना मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी की होगी।